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[प्राचीन इतिहास - लेख]*अध्याय 9. मौर्योत्तर साम्राज्य |
परिचय
अशोक के नेतृत्व में मौर्य साम्राज्य अपने चरम पर पहुंच गया था। उनके शासनकाल में शांति, समृद्धि और बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ। हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद, साम्राज्य बिखरने लगा। अशोक के उत्तराधिकारी उसी स्तर का नियंत्रण और सामंजस्य बनाए रखने में असमर्थ रहे।
[प्राचीन इतिहास - लेख]*अध्याय 9. मौर्योत्तर साम्राज्य
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निष्कर्ष
निष्कर्ष रूप में, मौर्य साम्राज्य के बाद का काल परिवर्तन की एक गतिशील और बहुआयामी प्रक्रिया द्वारा चिह्नित था। विभिन्न राजवंशों के उत्थान और पतन, विभिन्न संस्कृतियों के परस्पर संबंध और धार्मिक और कलात्मक परंपराओं के विकास ने भारतीय इतिहास की दिशा को आकार दिया और भारतीय उपमहाद्वीप के बाद के विकास के लिए आधार तैयार किया।
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